29 नवंबर 21, मुरादाबाद : उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना के केस ने फिर टेंशन बढ़ा दी है l मुख्यमंत्री ने आनन-फानन में अफसरों की बैठक बुलाकर जरूरी कदम उठाने की हिदायत दी है और जनता से सतर्कता बरतने की अपील की है। उत्तराखंड में कोविड की जांच में भी तेजी लाई जा रही है। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर भी प्रशासन सख्त रुख अपना रहा है।
कोरोना योद्धाओं की होगी जांच
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के संबंध में केंद्र द्वारा जारी एडवायजरी का सख्ती से पालन किया जाए। सभी कोरोना योद्धाओं के आरटी पीसीआर टेस्ट अनिवार्य रूप से किये जाएं तथा जनता में कोरोना के लक्षण होने पर वायरल के लक्षणों पर आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य रूप से किये जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोविड के बढ़ते मामलों और कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के सम्भावित खतरे को देखते हुए शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा करते हुए कोविड सैम्पलिंग को बढ़ाने और कान्टेक्ट ट्रेसिंग को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
हर घर दस्तक अभियान शुरू
मुख्यमंत्री ने कहा है कि हर घर दस्तक अभियान को पूरी क्षमता के साथ चलाया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड वैक्सीन की पहली डोज शत प्रतिशत लगाई जा चुकी है, परंतु दूसरी डोज के लिए और अधिक तत्परता से काम किए जाने की आवश्यकता है। हर घर दस्तक अभियान में निश्चित समय में कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों को कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर के लिए प्रेरित किया जाए।
घबराएं नहीं, सतर्कता बरतें लोग
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जिन लोगों को भी वायरल के लक्षण हैं, उन सभी का आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य रूप से कराया जाए। उन्होंने कहा कि पेनिक की आवश्यकता नहीं है, परंतु पूरी सावधानी और पुख्ता तैयारियां सुनिश्चित करनी होंगी। इसके लिए जनजागरूकता अभियान चलाए जाएं। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया जाए। इसके लिए अधिक भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाए। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को टेस्टिंग टार्गेट को पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इसमें किसी तरह की लापरवाही न हो।
भीङभाङ वाले स्थानों और राज्य की सीमाओं पर रेडम टेस्ट हों कान्टेक्ट ट्रेसिंग सुनिश्चित की जाए
मुख्यमंत्री ने कान्टेक्ट ट्रेसिंग पर बल देते हुए उन्होंने कोविड पॉजिटिव के संपर्क में आए सभी लोगों की आरटीपीसीआर टेस्टिंग सुनिश्चित करने और माइक्रो कन्टेनमेंट जोन बनाने के निर्देश दिये। कोविड की पहली और दूसरी लहर के दौरान विकसित किए गए कोविड से संबंधित हेल्थ इन्फा्रस्ट्रक्चर जैसे कि आईसीयू, आक्सीजन, वेंटिलेटर आदि की जांच करा ली जाए। जिलों मे कंट्रोल रूम को फिर से सक्रिय किया जाए। आवश्यक होने पर कोविड प्रबंधन से जुड़ी मेनपावर की ट्रेनिंग करा ली जाए। एक सप्ताह बाद फिर से मुख्यमंत्री स्तर पर इसकी समीक्षा की जाएगी।
उपकरण व उपचार की व्यवस्था पर्याप्त
सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज पाण्डेय ने राज्य में कोविड और टीकाकरण की वर्तमान स्थितिं और किसी सम्भावित स्थिति के लिए तैयारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कोरोना वायरस की जांच के लिए वर्तमान में 11 सरकारी और 26 प्राईवेट लैब हैं। वर्तमान में आईसोलेशन बैड 31 हजार से अधिक हैं जबकि आईसीयू की संख्या 1655 हो गई है। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए हैल्थ सिस्टम के अंतर्गत आईसीयू में 53 प्रतिशत वृद्धि की गई है। मार्च 2020 में 116 वैंटिलेटर थे जो कि अब बढ़कर 1016 हो गई है। आक्सीजन सिलेंडर 22420 हैं। आक्सीजन कन्सेंट्रेटर मार्च 2020 में 275 से बढ़कर से वर्तमान में 9838 हो गये हैं। इसी प्रकार पीएसए आक्सीजन जनरेशन प्लांट के मामले में 91 प्रतिशत वृद्धि हुई है। उत्तराखण्ड में कोविड जांच दर राष्ट्रीय औसत से अधिक रहा है। केविड के दौरान पर्याप्त चिकित्सकीय और पैरा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की गई है।