किसान आंदोलन की तर्ज पर व्यापारी करेंगे सरकार के खिलाफ सत्याग्रह
Traders will conduct satyagraha against the government on the lines of farmers' movement
19 नवंबर 21
मेरठ : केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लेने के ऐलान के साथ ही व्यापारी भी अब बड़ा आंदोलन के लिए तैयार हो गए हैं। व्यापारी जीएसटी समेत विभिन्न कानूनों को लेकर परेशान हैं। इसके लिए उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने अब किसानों कीा तर्ज पर प्रदेश व केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है जिसके लिए 21 दिसंबर को प्रांतीय अधिवेशन बुलाया गया है जिसमें आंदोलन की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।
सत्याग्रह और आंदोलन करेंगे व्यापारी
उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष लोकेश कुमार अग्रवाल ने बताया कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को वापस लेने से स्पष्ट है कि लोकतंत्र में सत्याग्रह व आंदोलन ही एकमात्र ऐसा रास्ता है जिससे तानाशाही प्रवृत्ति की शक्तियों को पराजित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब जरूरत है कि व्यापारी एकजुट होकर सरकार के खिलाफ आंदोलन करें। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बनाए गए नए कानूनों से व्यापार और व्यापारी को आर्थिक हानि उठाने के साथ सरकारी तंत्र के उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है। कारोबार ठप होने से हालत यह है कि व्यापारी आत्महत्या करने जैसे आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर हंैं।
मजबूर व्यापारी कर रहे हैं आत्महत्या
प्रांतीय अध्यक्ष लोकेश कुमार अग्रवाल ने बताया कि आज व्यापारी खाद्य तेल, तिलहन व दलहन पर लगाई गई स्टॉक लिमिट, फूड एक्ट के काले कानूनों, जीएसटी में हो रहे उत्पीड़न एवं सभी कागजात पूरे होने पर भी रास्ते में अवैध वसूली से परेशान है। गाड़ियों को रोक कर नाजाएज जुर्माना थोपने, व्यापारियों के साथ रोजाना हो रही लूट व हत्या की वारदातें तथा बैंकों का नाजयाज उत्पीड़न से व्यापारी अतयंत परेशान हैं। उन्होंने कहा कि आंकड़ों को छुपाया जा रहा है प्रतिदिन कहीं ना कहीं से व्यापारी की आ त्महत्या के समाचार प्राप्त हो रहे हैं। कुछ घटनाओं को व्यापारी परिवार के लोग छुपा लेते हैं और जो घटना सामने आती हैं उसे सरकारी मशीनरी जबरदस्ती दबाने का काम करती है। संपूर्ण व्यापारी जगत तबाह व वर्बाद होने के कगार पर है। व्यापारियों एवं उधमियों के सम्मान की लढाई के लिए एक वृहद स्तर पर आंदोलन की रणनीति बनाने हेतु उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश 21 दिसंबर को मेरठ में एक प्रांतीय अधिवेशन बुलाकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगा।