
09 दिसंबर 21, नई दिल्ली। किसानों ने सिंद्धू बार्डर समेत तमाम बार्डर और विभिन्न स्थानों से अपने टेंट समेटने शुरू कर दिए हैं। केंद्र सरकार द्वारा किसानों की सभी मांगें माने जाने के बाद किसानों ने आंदोलन खत्म करने का एलान किया है। इस बीच राकेश टिकैत ने पांच राज्यों में होने वाले चुनाव पर भाजपा के खिलाफ प्रचार करने पर गोलमोल जवाब दिया है। खास बात यह है कि एक साल और 13 दिन तक आंदोलन चलता रहा है।
आंदोलन में 709 किसान हुए शहीद
दिल्ली के तमाम बार्डर्स पर किसानों ने बीते वर्ष 26 नवंबर से धरना शुरू किया था। इस बीच कड़ाके की सर्दी, गर्मी और बरसात में किसान डटे रहे। सरकार के कई दोरे की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते महीने राष्ट्र के नाम संदेश में तीनों कृषि कानून वापस लेने का एलान किया और संसद में इन कानूनों को वापस लिया गया। हालांकि इसके बाद एमएसपी समेत मुआवजा, मुकदमे खत्म करने, पराली जलाने पर रिपोर्ट कराने का कानून वापस लेने आदि मांगे रखीू थी। सरकार ने इन्हें भी मान लिया और गुरुवार को किसानों ने आंदोलन वापस लेने का एलान किया और कहा कि 11 दिसंबर को किसान घरों को लौट जाएंगे।
भाजपा के विरोध पर फैसला 15 को
किसान नेता राकेश टिकैत ने पत्रकारों को बताया कि सभी धरना स्थल से टेंट हटाने का कार्य शुरू कर दिया है। 11 को सभी किसान घरों को लौट जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने कहा है कि शहीद किसानों को मुआवजा राज्य सरकारें देंगी। इसी तरह किसानों पर दर्ज मुकदमे भी राज्य सरकारें ही हटाएंगी। उन्होंने बताया कि पांच राज्यों में होने वाले चुनाव में भाजपपा के विरोध करने व नहीं करने का फैसला आने वाले दिनों में लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 15 को फिर संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक होनी है जिसमें आंदोलन की समीक्षा की जाएगी।