16 नवंबर 21
नई दिल्ली : किसान आंदोलन सरकार के लिए कड़ी समस्या बनता जा रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर फिर निशाना साथाहै। उन्होंने आंदोलन के दौरान किसानों की मौत होने पर केंद्र सरकार को घेरा है। सोेशल मीडिया पर जारी उनके बयान को यूजर्स ने पसंद किया और अधिकांश किसान आंदोलन और उनकी मांगों का समर्थन कर रहे हैं।
किसान 29 को घेरेंगे संसद
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को तेज करने के लिए भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार को जगाने के लिए 29 नवंबर को ट्रैक्टर से किसान संसद जाएंगे। उन्होंने कहा है कि ट्रैक्टर भी वही हैं और किसान भी वही, इस बार गूंगी-बहरी सरकार को जगाने और अपनी बात मनवाने के लिए किसान 29 नवंबर को ट्रैक्टरों से संसद भवन जाएंगे। उन्होंने कहा है कि जब तक तीनों काले कानूनों की वापसी और एमएसपी पर गारंटी कानून नहीं बनता तब तक आन्दोलन देश भर में जारी रहेगा। दरअसल, बिल वापसी ही घर वापसी है और यह आंदोलन जल, जंगल और जमीन को बचाने का आंदोलन है।
राहुल ने यूं साधा निशाना
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीटर पर कहा है कि जब किसान नाम के आगे शहीद लगाना पड़े तो समा जाओ कि सरकार की क्रूरता हद से पार हो गयी है। उन्होने अन्नदाता सत्याग्रह को नमन भी किया है। ट्वीटर यूजर्स ने राहुल और किसानों का समर्थन किया है। यूजर्स भी किसान आंदोलन और कृषि कानून को लेकर सरकार का विरोध कर रहे हैं।
लखनऊ में 22 को करेंगे पंचायत
किसान आंदोलन को लेकर अपनी भावी रणनीति का खुलासा करते टिकैत ने कहा था, ’22 नवंबर को हमारी लखनऊ में महापंचायत करके केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी की मांग की जाएगी। किसान धान-गन्ने के भुगतान के मुद्दे और दिल्ली में प्रदर्शन की रणनीति पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा पुलिस प्रशासन को बताकर हम संसद की ओर कूच करेंगे। पुलिस जहां हमें रोकेगी, वहीं हम धरने पर बैठ जाएंगे तथा पुलिस से ागड़ा नहीं करेंगे। हम कोई बाहरी नहीं है और बताकर संसद जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसद के आसपास बड़े-बड़े पार्क हैं, कहीं न कहीं हमें जगह मिल जाएगी, हम वहां धरने के लिए बैठ जाएंगे।