08 दिसंबर, तमिलनाडु। नीलगिरी जिले के कुन्नूर में वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों को ले जा रहा सेना का एक हेलीकॉप्टर क्रैश होने से सीडीएस विपिन रावत उनकी पत्नी और साथ चल रहे 12 सेन्य अफसरों की मौत हो गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कल संसद में बयान देंगे। हादसे के बाद सेना व केंद्र सरकार में हलचल बढ़ गई है। रक्षामंत्री ने सेना मुख्यालय जाकर वरिष्ट अधिकारियों से मुलाकात भी और घटना व घटनास्थल की स्थिति की जानकारी ली है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बुलाई बैठक
तमिलाडू से सेना अफसरों ने घटना की रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी है जिसमें बताया गया है कि करीब 11.35 बजे हेलीकाप्टर ने अफसरों को लेकर उड़ान भरी थी। जहां हादसा हुआ है वहां घना जंगल है और पहाड़ भी हैं। जानकार बताते हैं कि इन दुर्गम क्षेत्रों में हेलीकाप्टर चलाने का पायलेट को पूरा ज्ञान होता है और वह अक्सर हेलीकाप्टर उड़ाते रहते हैं। फिलहाल हादसे की वजह खराब मौसम को माना गया है। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी सुलूर एयरबेस पहुंच गए हैं। रक्षामंत्री ने घटना का ब्योरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दे दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले को लेकर बुटक बुलाई है।
खराब मौसम के कारण हुआ हादसा
हैलिकॉप्टर में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, एनके गुरसेवक सिंह, एनके जितेंद्र कुमार, विवेक कुमार, बी साई तेजा, हवलदार सतपाल समेत रक्षा सहायक, सुरक्षा कमांडो और वायुसेना के पायलट समेत कुल 14 लोग सवार थे। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को कैबिनेट की बैठक के दौरान हादसे की सूचना मिली थी। बताते हैं कि करीब 12.20 बजे यह हादसा हुआ। हेलीकाप्टर एमआई-17 वी 5 सीरिज का बताया जा रहा है। रक्षामंत्री ने सीडीएस बिपिन रावत के घर जाकर परिजनों से मुलाकात की है। उसके बाद वह सीधे सेना मुख्यालय पहुंचे। इससे पहले आर्मी चीफ को दिल्ली बुलाया गया था।
हादसे की जांच के आदेश
वहीं भारतीय वायुसेना ने एक बयान जारी कर कहा कि जनरल बिपिन रावत को ले जा रहा, हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर के पास दुर्घटना का शिकार हो गया। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं। स्थानीय सैन्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और राहत कार्य शुरू करा दिया था। तमिलनाडु के वन मंत्री रामचंदन समेत डीजीपी आदि भी मौके पर पहुंच गए थे।