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कृषि कानून रद : अब एमएसपी को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर जारी रहेगा किसान आंदोलन

Agricultural law canceled: Now farmers' movement will continue on the borders of Delhi regarding MSP


19 नवंबर 21
मुरादाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीनों कृषि कानून वापस लेने के बाद भी किसान आंदोलन अभी स्थगित नहीं किया जाएगा। करीब डेढ़ साल से चला आ रहा आंदोलन संसद में कृषि बिल वापसी तक जारी रहेगा। किसान अभी दिल्ली के बार्डर पर बने आंदोलन स्थल पर डटे रहें। इसके साथ ही अब किसानों ने एमएसपी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की जिद पकड़ी है। शुक्रवार शाम को किसानों के संयुक्त मोर्चे की होने वाली बैठक में अंतिम फैसला लिया जाएगा।

एमपीएस की गारंटी दे सरकार

किसान नेता भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष चौधरी राकेश टिकैत ने धरनास्थल पर मौजूद किसानों को संंबोधित करते हुए कहा हैै कि मोदी सरकार को संसद में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के साथ किसानों को एमपीएस की गारंटी भी देनी होगी। आंंदोलन करने वाले किसानों की फसल खरीद एमपीएस पर नहीं हो रही है। यह किसानों का सवाल है और पूरे देश का सवाल है। किसान अभी संसद सत्र में कृषि कानून वापस होने का इंतजार करेंगे।

लड्डू मिठाई न बांटें किसान

किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों से आह्वान किया कि अभी लड्डू और मिठाई नहीं बांटें, अभी संघर्ष जारी है। इससे पहले उन्होंने ट्वीट करके आंदोलन जारी रखने की घोषणा के साथ सरकार से एमपीएस व दीगर किसान समस्याओं पर किसानों को वार्ता के लिए बुलाने को कहा है। दरअसल, कृषि कानून निरस्त करने के आंदोलन के दौरान किसानों की मौत होने के साथ किसानों पर दर्ज किए गए केस का मुद्दा भी अब उठने लगा है। किसान बिजली नियम संशोधन को खत्म करने की मांग भी पहले से कर रहे हैं।

आदिवासी समाज का साथ देंगे किसान

राकेश टिकैत ने इस मौके पर आदिवासी एकता परिषद और भूमि सेना के नेता की मांगों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज ने हमेशा किसान आंदोलन में शिरकत की। उन्होंने बताया कि आदिवासी भी अपनी भूमि बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इन्होंने बूमि सेना और आदिवासी एकता परिषद का गठन किया है। आदिवासी नेता काका जी की मौजूदगी में राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आदिवासी समाज की भूमि बचाने की लड़ाई में साथ रहेगा।

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