खौफनाक सच सड़क हादसों का : हर चार मिनट में जाती है एक जान
Horror truth of road accidents: Every four minutes a life is lost
04 दिसंबर, नई दिल्ली। सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी सड़क हादसों पर अंकुश नहीं लग रहा है। कहीं सड़क खराब तो कहीं लापरवाही, बस लोग सड़कों पर मरे जा रहे हैं। हालांकि वर्ष 2019 के मुकाबले 2022 में हादसों में कमी आई है तथा मरने वालों की संख्या भी करीब छह हजार कम हुई है, लेकिन आंकड़े अभी भी चिंता में डालने वाले हैं। हादसे में कमाने वाले की मौत होने से परिवार पर गमों का पहाड़ टूटता है तथा आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय हो जाती है। सड़क हादसों के आंकड़े अभी भी खौफनाक हैं। यह डरावनी स्थिति जब है तब देश सड़क हादसों में पूर्व राष्ट्रपति, कई कैबिनेट मंत्री समेत विभिन्न वीआइपी को खो चुका है।
वर्ष 2020 में मारे गए 1.31 लाख
सरकार की तरफ से संसद को बताया कि वर्ष 2020 में देशभर में कुल 3,66,138 सड़क हादसे हुए, जिनमें 1,31,714 लोगों की मौत हो गई। न्यूज एजेंसी के मुताबिक केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में लिखित जवाब में कहा कि वर्ष 2019 के दौरान सड़क हादसों में 1,51,113 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 4,49,002 हादसे हुए थे। हैरानी की बात यह है कि 1,37,191 हादसे नेशनल हाईवे व एक्सप्रेसवे पर हुए हैं। उन्होंने कहा कि 3,400 किलोमीटर एनएच को छह लेन वाला बना दिया गया है, जबकि 6,250 किमी पर काम चल रहा है। 1,870 किमी लंबे एनएच को चार से छह लेने करने का काम जारी है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एनएचएआइ ने एनएच के किनारे 39 स्थानों पर व्हीकल चार्जिग स्टेशन की सुविधा प्रदान कर दी है, जबकि 103 साइट के लिए प्रक्रिया जारी है। एक्सप्रेसवे पर दोपहिया वाहनों के संचालन संबंधी एक अन्य सवाल पर मंत्री ने कहा कि तेज रफ्तार मार्ग पर सुरक्षा की दृष्टि से इसकी इजाजत नहीं है। एक अलग सवाल के जवाब में गडकरी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आइएनवीआइटी) मोड के तहत 7,350 करोड़ रुपये के रियायत मूल्य व 495 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के साथ 390 किमी एनएच का मुद्रीकरण किया है।

चालान में तीन सौ फीसद इजाफा, वसूले 7.67 करोड़
दरअसल, सरकार सिर्फ चालान करने को हादसे रोकने का कारण मान बैठी है। इसलिए वर्ष 2019 में मोटर वाहन अधिनियम में संशोध्न करके चालान की रकम में इजाफा किया गया था। केंद्रीय मंत्री ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि वर्ष 2019 में मोटर वाहन (संशोधन) कानून लागू होने के बाद 23 महीनों में 7.67 करोड़ चालान जारी किए जा चुके हैं। ट्रैफिक चालान में 291 फीसद की वृद्धि हुई है। केंद्रीय मंत्री ने भविष्य की योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि 450 किमी लंबे हाईवे के लिए टोल आपरेट ट्रांसफर (टीओटी) मोड के तहत निविदा जारी की गई है। 86 और सड़कों को चिन्हित किया गया है, जिनकी कुल लंबाई 4,912 किमी है। गडकरी ने कहा कि एनएचएआइ ने वर्ष 2022-23, 2023-24 व 2024-25 में मुद्रीकरण के लिए क्रमश: 5,500 किमी, 7,300 किमी व 8,900 किमी एनएच को चिन्हित किया है। महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय संपत्ति मुद्रीकरण योजना के तहत वित्त वर्ष 2025 तक 1.60 लाख करोड़ रुपये का मुद्रीकरण किया जाएगा।