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चुनाव नजदीक आते ही आई बोटरों की याद, उपेक्षित पार्टी कार्यकर्ताओं को मानने के लिए होने लगीं मीटिंगें

चुनाव नजदीक आते ही आई बोटरों की याद, उपेक्षित पार्टी कार्यकर्ताओं को मानने के लिए होने लगीं मीटिंगें

लोकसभा2024 के चुनाव के आगमन को लेकर देश की विभिन्न पार्टियां चुनावी रणनीति बनाने की जुगत में जुट गई हैं।पांच साल के कार्यकाल में लोकसभा क्षेत्र में चुने गए सांसदों के चमचों और छुटभैये नेताओ ने जनता का जो हाल किया है, वह सर्वविदित है।लेकिन लोकसभा चुनाव नजदीक आने की बजह से अब चुने गए सांसदों के अलाबा एसी और बडे बड़े कार्यालयों में बैठकर रणनीति बनाने वालों को शायद पता लग गया है,कि 2024 लोकसभा चुनाव में जनता का रुख स्पष्ट नहीं है।इसको लेकर हर पार्टी हाईकमान चिंतित नजर आ रही है।इसीलिए अब उपेक्षित कार्यकर्तायों के साथ साथ बोटरों कि भी याद सताने लगी है।पांच साल तक जिस जनता ने अपना अमूल्य बोट देकर सांसद बनाने का मौका दिया,उसी की उपेक्षा जब हुई तो बोटर भी सोचने पर मजबूर हुआ।शायद जनता की नाराजगी से सभी पार्टियां खासकर सत्ताधारी पार्टी ज्यादा पशोपेश में पड़ी हुई है।2019 के चुनाव में जनता ने मोदी जी की आवाज पर बोट देकर केंद्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में तहेदिल से मतदान किया था।और मोदी के प्रति श्रद्धा और देश को विश्व स्तर पर ख्याति दिलाने की बजह से अपने ओजस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी में अपना विश्वास जताया।लेकिन मोदी लहर को चुने गए सांसदों ने मजाक बनाकर रख दिया,और अपने अपने लोकसभा क्षेत्र को चमचों और दलालों के
ऊपर राम भरोसे छोड़ दिया।यहाँ2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर एक कहावत की याद आ गई जिसमें कहा गया,(एक चना कहां तक भाड़ फोड़ेगा) अर्थार्त भाजपा के सांसदों को अकेले मोदी जी कब तक जिता पाएंगे।यह एक विचारणीय पहलू है।खासकर सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए। केंद्र की भाजपा सरकार के देश की जनता के मसीहा प्रधानमंत्री मोदी जी ने जिस तरह से विश्व मे भारत के परचम लहराया है, उससे देश का और देश की जनता का गौरव बढ़ा है।2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर जितनी चिंता भाजपा को हो रही है, वह महत्वपूर्ण पहलू है।क्योंकि भाजपा हाईकमान द्वारा कराए गए सर्वे में तमाम सांसदों की शिकायतें जनता द्वारा की गई हैं।जिस बजह से भाजपा हाईकमान चिंतित भी है,और नई रणनीति पर भी विचार भी कर रही है।यही बजह है।कि भाजपा के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारी जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं और जन प्रतिनिधियों के साथ बैठके करके रूठों को मनाने और पार्टी को 2024 में पूर्ण बहुमत से जिताने की रणनीति पर विचार विमर्श करते नजर आ रहे हैं।अब 2024 के लोकसभा चुनाव देश की जनता क्या निर्णय लेगी यह सभी पार्टियों खासकर सत्ताधारी पार्टी भाजपा के लिए चिंता का विषय नजर आ रहा है।

मोहित यादव जिला ब्यूरो एटा

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