छिबरामऊ में स्वर्गीय श्री रमेश चंद्र कठेरिया जी 85 जयंती पर देव कठेरिया ने कहा एक कदम संविधान और शिक्षा की ओर

Kannauj कठेरिया सहाब ने कहा जब भारत की सभी पार्टी व व्यक्ति भारतीय है, लेकिन आज भारतीय की बात न करके एक धर्म या विशेष जाति की बात की जा रही है, जो देश हित के लिये अच्छी बात नहीं है, कहने को तो भारत में लोकतांत्रिक सरकार चल रही है, लेकिन ये ही सरकार आज धर्मनिरपेक्षता को नष्ट कर रही है, हर तरफ अफरा तफरी है, जिसको वर्तमान में देखा जा सकता है सरकारी संपत्ति जो
जनता की होती थी, उसको निजी हाथों में दिया जा रहा है, वर्तमान में किसान आंदोलन चला रहा है, लेकिन वर्तमान सरकार ने वन विभाग व शिक्षा विभाग को निजि हाथों में देने के लिये पूरा ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जिस तरह विरोध की आवाज को दबाया जा रहा है, उससे तो ये ही लगता है कि आने वाले समय में कोई सुनवाई नहीं होने वाली है,
सच बोलने वालों को लगातार डराया जा रहा है, और उनकी आवाज को दबाया जा रहा है, यदि आज आपने समझा नहीं तो एक निर्धन निडर बुद्धिमान व्यक्ति सामाजिक लड़ाई में भागेदारी नहीं करेगा, जो वर्तमान सरकार चाहती है, आप अपनी प्रतिक्रिया लगातार करते रहे, और अपने मन को धर्मनिरपेक्ष बनाये रखे तभी भारतीय जनता का भला होगा संवर्गीय श्री रमेश चंद्र कठेरिया जी ने हो काम देश व समाज हित में है वह बहुत ही सराहनीय है और इस देश की शिक्षा भी अमीरी गरीबी में बटी हुई है जब देश एक है संविधान एक फिर शिक्षा क्यों एक समान नहीं है