फर्रुखाबाद का लाल पुलवामा में हुआ शहीद
शहीद का आज पहुंचे का गांव में पार्थिव शरीर

फर्रुखाबाद के वीर ने सीमा की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए। जैसे ही यह खबर पुलवामा से फर्रुखाबाद के कायमगंज में पहुंची नगर शोक में डूब गया। लोगों में आतंकियों के प्रति गुस्सा था और शहीद हुए फर्रुखाबाद के लाल के गम में आँखें नम थीं।
आपको बता दें जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में रविवार को एक आतंकी हमले में फर्रुखाबाद के नगर कायमगंज में रहने वाले सीआरपीएफ के एएसआई विनोद कुमार शहीद हो गए। शहादत की सूचना जैसे ही उनके कायमगंज तहसील के नगला विधि गांव स्थित पैतृक आवास पहुंची तो कोहराम मच गया। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि अपराह्न करीब 2:15 बजे आतंकियों ने पुलवामा के गंगू चौराहा इलाके में पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त चौकी पर गोलीबारी की। इस घटना में विनोद कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। प्रवक्ता ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अतिरिक्त बल के साथ मौके पर पहुंचे और प्रारंभिक जांच से पता चला कि आतंकियों ने पास के सेब के बागों का फायदा उठाकर दक्षिण कश्मीर में पुलवामा के गंगू चौराहा क्षेत्र के पास सुरक्षाबलों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। आपको बताते चलें सीआरपीएफ के नायब सूबेदार विनोद कुमार पाल (53) कायमगंज क्षेत्र के गांव नगला विधि के मूल निवासी हैं। कुछ महीने से उनका परिवार मोहल्ला दत्तू नगला नई कालोनी में रहने लगा। 24 जून को वह 20 दिन छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर गए थे। छुट्टी के दौरान पत्नी सुमन का ऑपरेशन कराया था। लिहाजा दिन में कई बार फोन से हालचाल लेते थे। रविवार की दोपहर नायब सूबेदार पुलवामा के गोंगू क्रासिंग पर अन्य जवानों के साथ चेकिंग कर कर रहे थे। तभी आतंकियों ने हमला कर दिया। इससे वह जख्मी हो गए। अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया।शहादत की सूचना परिजनों को मिली तो कोहराम मच गया। पत्नी सुमन इकलौते बेटे राजा से लिपटकर बिलखने लगीं। बेटे राजा ने बताया कि सोमवार को उनका पार्थिव शरीर हवाई यात्रा से दिल्ली आएगा। इसके बाद लखनऊ पहुंचेगा। वहां से दोपहर करीब एक बजे पैतृक गांव नगला विधि पहुंचेगा। गांव में ही पिता का अंतिम संस्कार होगा। नायब सूबेदार विनोद कुमार पाल ने हमले से 20 मिनट पहले ही बेटे राजा को फोन किया था। राजा ने बताया कि पिताजी ने सभी के हाल चाल पूछे। पत्नी सुमन से भी हाल चाल लिए। इसके बाद आतंकियों के हमले से घायल हो गए। शहीद नायब सूबेदार विनोद कुमार पाल के पिता जवाहर सिंह खेती करते थे। माता-पिता गुजर चुके हैं। विनोद के बड़े भाई प्रमोद कुमार सेना के जवान थे। पिछले साल सेवानिवृत्त होकर गांव में खेती कराते हैं। विनोद ने बेटे को भी सेना में भर्ती कराने के लिए सीडीएस की परीक्षा दिलाई है। मई में परिणाम आया तो वह पास हो गया।
पंकज