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बहू को ससुराल का तोहफा, मुरादाबाद में उप्र के मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हुईं प्रियंका गांधी

In-laws gift to daughter-in-law Priyanka Gandhi, Priyanka Gandhi joins the race for Chief Minister of UP


01 दिसंबर 21, मुरादाबाद : पूरे देश में बेटी कहकर अपना परिचय कराने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मुरादाबाद की जनसभा में अपना तार्रुफ बहू कहकर कराया तो उपस्थित लोगों ने ताली बजाकर खुशी जताई। यही नहीं पश्चिमी उप्र की पहली जनसभा में भी नेताओं ने उन्हें  मुख्यमंत्री की दावेदार साबित कर दिया। प्रियंका गांधी ने भी परिपक्व नेता और भविष्य की मुख्यमंत्री की तरह जनता की हर पीड़ा पर मरहम रखा और जनता हमदर्द बनने का प्रयास किया और सरकार को घेरने के साथ सपा मुखिया अखिलेश को भी आड़े हाथों लिया।

कांग्रेस नेता विनोद गुंबर गदा भेंट करते हुए।

अब यूपी में तीन मुख्यमंत्री दावेदार

दिसंबर से पहले से तक यूपी में चुनाव की बात होती थी तो दो मुख्यमंत्री ही सामने आते थे। भाजपा की तरफ से मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विपक्ष की तरफ से सपा अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव। हालांकि बसपा की अध्यक्ष मायावती भी चार मर्तबा यूपी की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं, लेकिन इस बार अभी तक वह मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल नहीं हो सकी हैं। कांग्रेस की तरफ से अभी तक प्रियंका गांधी ने यूपी की कमान को संभाल रखा है। पिछले कई वर्षों से वह यूपी में संघर्ष भी कर रही हैं, लेकिन कांग्रेस ने अभी तक उन्हें मुख्यमंत्री का दावेदार घोषित नहीं किया है। पिछले कई महीने से कांग्रेस की जनता में बढ़ी लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है। जिस तरह कांग्रेस ने दलित, किसान, मुसलमान, गरीब, मजदूर, व्यापारी के साथ महिलाओंं के मुद्दे उठाए हैं, उससे लोगों का जुड़ाव कांग्रेस की तरफ बढ़ने लगा है। गुरुवार को हुई रैली में नेता उन्हें मुख्यमंत्री साबित करते देखे गए। कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन इमरान प्रतापगढ़ी ने नज्म के जरिये सीधे तौर पर उन्हें मुख््यमंत्री का दावेदार बता दिया।

प्रियंका गांधी के साथ मंचासीन प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार लल्लू।

प्रियंका का अखिलेश पर हमला

प्रियंका गांधी जिस तरह अखिलेश यादव पर हमलावर हुर्इं उससे साफ है कि सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन की सभी उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं। कांग्रेस नेत्री ने कहा कि प्रदेश में प्रचार हो रहा है कि अखिलेश आ रहे हैं। अरे, अखिलेश चुनाव के वक्त ही क्यों आते हैं। पिछले साढ़े चार साल से वह कहीं क्यों नहीं आए। पिछले पांच सालों से कांग्रेस संघर्ष कर रही है, इस दौरान कांग्रेस के साढ़े अच्छारह हजार कार्यकर्ता जेल गए। कोरोना काल में प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को कई दिन जेल में रहना पड़ा। दलित परिवार पर हमला हुआ, आत्याचाार हुआ अख्रिलेश कहां थे। हाथरस में गैंगरेप हुआ, आगरा में दलितों को जेल में डाल दिया, बिजनौर में एनआरसी आंदोलन के दौरान दो नाबालिग बच्चों को पुलिस ने गोली मारकर हत्या कर दी अखिलेश नहीं आए। उनके बयान भी आते हैं तो भाजपा के बयानों से मेल खाते हैं। उन्हेंं आपकी पीड़ा से कोई मतलब नहीं है, बस कांग्रेस ने आपके लिए संघर्ष किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा फिर फूट फैलाकर चुनाव जीतना चाहती है। जीतना है तो लड़ना होगा और यूपी ममें सिर्फ कांग्रेस लड़ी है जनता के हक के लिए।

बेहद सधी हुई और सटीक तकरीर

प्रियंका गांधी जानती हैं कि उत्तर प्रदेश में धर्म और जाति की राजनीति ने कांग्रेस को कमजोर किया है। इसलिए उन्होंने गुरुवार को बेहद सम­ादारी से जनता पर बदलाव की जिम्मेदारी डाली। उन्होंने धर्म और जाति की राजनीति को छोड़कर विकास के नाम पर वोट करने की आह्वान किया। प्रियंंका बोलीं-लोकतंत्र में जनता से मजबूत कोई नहीं, लेकिन नेता जानते हैं कि वह धर्म और जाति की बात करके चुनाव जीत जाएंगे, इसलिए सत्ता मिलने पर कोई काम नहीं करते। उन्होंने कहा कि जनता को नेताओं की यह सोच बदलनी होगी। जनता को चाििहए कि वह राजनेताओं को जवाबदेय बनाएं। इस बार अपने लिए वोट करें, प्रदेश को खाई से निकालने के लिए वोट करें, समजदारी से मतदान करें। मैं देखना चाहती हूं राजनीति बदलते हुए, विकास आधारित, नेताओं को जिम्मेदार बनाने की राजनीति होते हुए। यह प्रदेश आपका है और आपका सही निर्णय ही प्रदेश का विकास करा सकता है।

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