राहुल गांधी का दावा-यूपी चुनाव 2022 में किंगमेकर बनेगी कांग्रेस
claims Rahul Gandhi, Congress will become kingmaker in UP elections 2022
28 नवंबर, लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस आगामी चुनाव में किंग मेकर बनेगी। जी हां, यह मानना है कांग्रेस नेता राहुल गांधी का। उन्होंने रविवार को ट्वीट करके यह दावा किया है। प्रदेश में जिस तरह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी की कमान संभाली है तब से पार्टी की स्थिति में सुधार आ रहा है। प्रदेश में कांग्रेस के बढ़ते जनाधार को देखते हुए राहुल गांधी का इस बयान को सियासी जानकार उचित भी ठहरा रहे हैं। यही नहीं सोशल मीडिया पर कांग्रेस के किंगमेकर बनने की पोस्टा दिखाई देने लगी हैं।

प्रियंका का संघर्ष और बढ़ती भीड़
प्रदेश में प्रियंका गोंधी ने आंदोलन को धार दी है। उन्होंने तमाम छोटे-बड़े मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा है और हमलावर भी रही हैं। किसानों के मुद्दे पर प्रियंका की छवि में तेजी से सुधार आया है। प्रियंका किसानों के साथ कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेर रही हैं। उन्होंने महिला और दलित उत्पीड़न पर जोरशोर से आवाज उेठाकर जनता का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। वह सरकार पर तीखे शब्दों में हमलावर हैं। प्रयागराज में सामूहिक हत्याकांड व किशोरी से सामूहिक दुराचार की घटना के बाद प्रियंका गांधी ने बांदा में भाजपा कार्यकर्ता के पुत्र अमन त्रिपाठी की हत्या की जांच सीबीआई से कराने की पैरवी की है। गौरतलब है कि भाजपा कार्यकर्ता होने के बाद अमन की मां का प्रियंका गांधी से गुहार लगाई थी। प्रियंका गोंधी की यूपी की सभाओं में जनता की भीड़ भी बढ़ रही है।
गठबंधन पर कशमकश में कांग्रेस
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी चुनाव से पूर्व विपक्षी दलों के साथ गठबंधन को लेकर असमंजस में हैं। समाजवादी पार्टी, रालोद और कांग्रेस के एक जौसे मुद्दे और एक जैसी घोषणाएं होने के बाद भी गठबंधन पर कोई बात सामने नहीं आ रही है। कांग्रेस और प्रियंका गांधी अपने परंपरागत वोट ब्राह्मण, दलित, अल्पसंख्यक व पिछड़ों को साधने में लगी हंैं। इन वोटरों का ाुकाव भी कांग्रेस की तरफ दिख रहा है। सियासी जानकार मानते हैं कि जब मुद्दे एक हैं और वादे व घोषणाएं भी एक। फिर साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ना सत्ताधारी दल के लिए फायदेमंद हो सकता है। वैसे तो प्रियंका गांधी ने अकेले लड़ने का एलान कर दिया है।
नब्बे के दशक से कांग्रेस की हालत पतली
कांग्रेस की हालत उत्तर प्रदेश में वर्ष 91 के चुनाव से पतली होने लगी। इस चुनाव में कांग्रेस को 46 सीटें मिली थीं, जबकि इससे पहले हुए 89 के चुनाव में कांग्रेस के पास 94 सीटें आई थीं। पिछले चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ सात सीटें ही मिल सकीं। इससे पहले वर्ष 20012 में 28, 2007 में 22, 2002 में 25 और 96 में केवल 33 सीटें ही कांग्रेस जीत सकी थी। अगर बात करें यूपी में सत्ता की तो पिछले करीब 32 वर्ष से कांग्रेस सत्ता नहीं हासिल कर सकी है।