19 नवंबर 21
नई दिल्ली : किसानों के लंबे आंदोलन के साथ बड़ी जान की बाजी लगाने से भी नहीं डरने के कारण गुरु महापर्व पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश में विवादित तीनों कृषि कानूनों को रद करने का फैसला लिया है। किसान आंदोलन के दौरान कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने बेहद परिपक्वता के साथ किसानों का साथ दिया। उनका 29 अक्टूबर का द्वीट सोशल मीडिया पर घूम रहा है जिसमें उन्होंने कृषि कानूनों को हटाने की संभावना जताई थी।
जय हिंद, जय हिंद का किसान
राहुल गांधी ने सरकार द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लेने के ऐलान के बाद ट्वीट करके कहा है कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर ाुका दिया है। अन्याय के खिलाफ ये जीत मुबारक हो। जय हिंद, जय हिंद का किसान। दरअसल, किसान आंदोलन पर राहुल ने अपनी छवि में गुणात्मक सुधार किया है। वह दिग्गज राजनीतिक की तरह किसानों के साथ रहे और जरूरत पर उनकी आवाज बनते रहे। अपने खिलाफ तमाम भ्रम फैलाने वालों को राहुल गांधी ने अपनी कुशाग्र बुद्धि और बेहतरीन फैसलों से पराजित कर दिया है। उनकी छवि मजबूत, ईमानदार और दमदार नेता की बनकर उभर रही है।
यह कहा था राहुल गांधी ने
राहुल गांधी ने 29 अक्टूबर को दोपहर 12.23 बजे ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि अभी तो सिर्फ बैरीकेट्स हटे हैं, जल्द ही तीनों कृषि विरोधी कानून भी हटेंगे। अन्नदाता सत्याग्रह जिंदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कृषि कानून हटाने के ऐलान के बाद सोशल मीडिया पर यह ट्वीट फिर घूमने लगा है। लोग इसे राहुल गांधी की दूरदृष्टि और परिपक्ता बता रहे हैं। बहरहाल, किसान आंंदोलन से केंद्र सरकार के साथ में हरियाणा, यूपी और उत्तराखंड की भाजपा सरकारों पर दबाव बढ़ गया था।