लखनऊ किसान पंचायत : तीन मांगे और मांने सरकार तब करेंगे आंदोलन खत्म करने पर विचार
Lucknow Kisan Panchayat: Three demands and if the government then will consider ending the movement
22 नवंबर 21
लखनऊ : भारतीय किसान यूनियन अभी अपना आंदोलन स्थगित करने को तैयार नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूबन वापस लेने के एलान के बाद भी किसानों की लखनऊ में पंचायत हो रही है। किसान नेता राकेश टिकैत ने अब आंदोलन खत्म करने के लिए तीन मांगें रखकर गेंद फिर सरकार के पाले में डाल दी है। देखना है कि किसानों और सरकार के बीच किस स्तर पर आकर समाौता होता है।
कड़ा संघर्ष किया है किसानों ने
गौरतलब हैै कि किसान पिछले करीब एक साल से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों ने दिल्ली की सीमाओं तक आने के लिए कड़ा संघर्ष किया था। पानी की बौाार और सड़कों में गड्ढे करके किसानों को रोकने में नाकाम रहने पर पुलिस ने सड़कों पर कीलें गाड दी थी तथा बड़े-बड़े बेरीकेट्स लगाकर रास्ता रोका गया था। हरियाणा में एसडीएम द्वारा किसानों के सिर फोड़ने का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस लाठीचार्ज में किसान की मौत हो गई थी। लंबे संघर्ष के दौरान किसानों पर तमाम आरोप भी लगे थे।
कल ही आने लगे थे किसान
धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रकाश महापर्व पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कृषि कानून वापस लेने का एलान किया था, लेकिन किसानों ने इसपर ठंडी प्रतिक्रिया ही दी। राकेश टिकैत ने साफ कह दिया था कि संसद में कानून रद होने तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने एमपीएस पर गारंटी कानून की मांग भी उठा दी थी। सरकार का भरोसा मिलने के बाद भी भाकियू ने सोमवार को लखनऊ में महापंचायत की। बड़ी संख्या में किसान रविवार शाम को पहुंच गए थे। रातभर किसानों के आने का सिलसिला चलता रहा।
यह तीन मांगे और माने सरकार
राकेश टिकैत ने आंदोलन खत्मम करने के लिए तीन ििबंदुओं का किसानों के सामने रखा है। उन्होंने कहा है कि आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को सरकार शहीद का दर्जा प्रदान करे। सरकार एमपीऐम पर कानून बनाए जिससे किसान की फसल कम दाम पर नहीं खरीदी जा सके। सरकार को केंद्रीय गृह राज््यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाना भी जरूरी है। उन्होंने कहा है कि सरकार किसानों पर दर्ज सभी केस वापस लेती है तो किसान आंदोलन खत्म करने का फैसला ले सकता है।