27 नवंबर 21, नई दिल्ली : संयुक्त किसान मोर्चे ने शनिवार दोपहर में फिर लंबे संघर्ष का एलान करके सरकार के लिए नई समस्या खड़ी कर दी है। उन्होंने 29 नवंबर को प्रस्तावित ट्रैक्टर संसद कूच फिलहाल वापस ले लिया है, लेकिन साफ कहा है कि 4 दिसंबर तक सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।
एमएसपी गारंटी है सबसे मुख्य मांग
संयुक्त कियान मोर्चे की बैठक के बाद रंजीत राजू और राजवीर ने पत्रकारों को बताया कि किसान एपना मोर्चा जीत चुके हैं। पीएम मोदी ने देर आयद, दुरुस्त आयद की कहावत को चरितार्थ किया है। उन्होंने कहा कि मोर्चे ने पीएम को मांग पत्र दिया है जिसमें सभी मांगे शामिल हैं तथा उस पत्र को सार्वजनिक भी किया जा चुका है। मांग पत्र में अहम मांग है न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार का गारंटी कानून। सरकार को सभी मांगों को मानना होगा तथा किसान अब एमएसपी गारंटी कानून लेकर ही घरों को जाएंगे।
राज्यमंत्री को बर्खास्त करें पीएम
संयुक्त मोर्चे के नेताओं ने कहा है कि 4 दिसंबर तक सरकार किसानों की मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार करके जवाब नहीं देती है तो चार को होने वाली बैठक में आंदोलनका एलान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संसद मार्च स्थगित किया है जिसे फिर किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि एमएसपी के साथ शहीद हुए किसानों के पुर्नवास व मुआवजा, किसानों पर दर्ज सभी केस वाापस लेने, किसानों को स्मारक बनाने के लिए स्थल मुहैया कराने, लखीमपुर कांड के आरोपी गृह राज्यमंत्री को मंत्रीमंडल से बर्खास्त करने केसाथ बिजली और पानी बिल वापस लेने की मांग शामिल की गई है।
वार्ता से मानेंगे किसान आकाशवाणी से नहींं
किसान नेताओं ने कहा है कि सरकार को किसानों से वार्ता शुरू करनी चाहिए। किसान अब आकाशवाणी ने नहीं मानेंगे। किसानों से स्सम्मान वार्ता की जानी चाहिए, ताकि किसान अपनी समस्याओं से अवगत करा सकें। उन्होेंने कहा कि लखीमपुर में बेकसूर किसानों को जेल भेजा जा रहा है। केंद्र सरकार हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली व उत्तर प्रदेश में दर्ज केस वाापस लेने के निर्देश जारी करे। इसी तरह रेलवे द्वारा कराए गए मुकदमें भी वापस होने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने 29 को तीनों कृषि कानून वापस लेने का भरोसा जताया है इसलिए 29 का संससद कूच स्थगित किया गया है।