
आलू ने तोड़ी किसान की कमर,
शेयर मार्केट की तरह उतार-चढ़ाव हो रहा है आलू में,
एक बीघा आलू तैयार करने में लगती है ₹10 हजार की लागत, हो रहा है ₹5या 6 हजार बीघे का।
आपको बताते चलें कि आलू इस समय सबसे निचले पायदान पर है वर्तमान में किसान की लागत भी सीधी नहीं हो पा रही है इतनी भयंकर आलू की गिरावट ने किसान की कमर ही तोड़ दी है।
बताते चलें कि प्रदेश में जनपद फर्रुखाबाद में आलू का उत्पादन बहुत अधिक होता है उत्पादन को देखते हुए जिले में लगातार कोल्ड स्टोरों की संख्या भी बढ़ती जा रही है गोल्ड मालिकों का यहां पर बहुत ही ज्यादा बोल वाला रहता है उनके ही इशारे पर मंडी कर रुख रहता है। इस समय मंडी व कोल्ड के हालात यह है कि किसान अपना आलू कोल्ड स्टोर में लेकर जा रहा है तो कोल्ड मालिक गेट लगाए हुए हैं बेबस किसान घंटों जाम में लगकर जब परेशान हो जाता है तो वह मंडी की तरफ मुड़ता है। फिर वही गोल्ड मालिक उस किसान के आलू को औने पौने दामों में खरीदकर अपने कोल्डो में रखते हैं किसान को चारों तरफ से घेर कर ही ठगा जा रहा है।
किसान की ऐसी वेबसी को कौन जाने, इसको फ़िक्र पड़ी है मरता है तो मरने दो। कोल्ड मालिक जो अपने कोल्ड भरने की सूचना मीडिया में दे रहे हैं ओ सरासर गलत है।
हम दावे से कह सकते हैं कि जनपद में तकरीबन 1 सैकड़ा से अधिक कोल्ड है उनमें से तकरीबन 40 परसेंट कोल्ड स्टोरेज ऐसे हैं जो इस बार कम से कम 20,25 परसेंट खाली रहेगी। ऐसी भ्रामक खबरें जो कोल्ड मालिक दे रहे हैं उसका एक ही रीजन है कि किसान अपना आलू मंडी में ले जाए और हम उसे मन माने तरीके से खरीदें। शासन से यही मांग करता हूं कि किसान को न्याय मिले और कोल्डो पर छापेमारी कर यह सुनिश्चित किया जाए कि यह कोल्ड भरा है या नहीं।