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मुरादाबादराष्ट्रीय

सिविल डिफेंस स्थापना दिवस : चुनाव 2022 में सहयोग के लिए तैयार रहें वालिंयटर्स

Civil Defense Foundation Day: Volunteers be ready to cooperate in the 2022 elections

नागरिक सुरक्षा संगठन कार्यालय पर स्थापना दिवस कार्यक्रम में विचार रखते डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह।

06 दिसंबर 21, मुरादाबाद। जिले में धूमधाम से सिविल डिफेंस स्थापना दिवस मनाया गया। इस मौके पर जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने आने वाले चुनाव को निष्पक्ष और शांति के साथ सम्पन्न कराने में सहयोग करेंगे। उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि कोरोना की तीसरी लहर आती है तो फिर वालिंयटर्स पूरी तन्मयता के साथ कार्य करेंगे। उन्होंने कोरोना काल में स्वयंसेवकों के कार्य की सराहना भी की।

तीसरी लहर आई तो सहयोग करेंगे स्वयंसेवक

नागरिक सुरक्षा संगठन कार्यालय पर ध्वजारोहण करके जिलाधिकारी ने बताया कि छह दिसंबर सिविल डिफेंस का स्थापना दिवस है। आज ही के दिन 1962 में सिविल डिफेंस का गठन हुआ था। तब से लेकर निरन्तर देश की आंतरिक सुरक्षा में वालंटियर लगातार जिला प्रशासन को सकारात्मक सहयोग देते हैं। वालंटियर पुलिस-प्रशासन के कांधे से कांधा मिलाकर चलते हैं। दैवी आपदा एवं कोविड-19 में सिविल डिफेंस के वालंटियर ने बेहतरीन कार्य किया है। सिविल डिफेंस के स्थापना दिवस के अवसर पर हम सबने संकल्प लिया है कि यदि तीसरी लहर आती है तो अपने लोगों को बचाने के लिए उनकी सेवा करने के लिए सदैव तत्पर है। उन्होंने कहा कि आगामी समय में विधानसभा चुनाव भी प्रस्तावित हैं। चुनावों में सिविल डिफेंस के जो वालंटियर है पूरी तनमयता से कार्य करेंगे। भारत निर्वाचन आयोग की मंशा है निष्पक्ष एवं निर्भीक होकर लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। उन्होंने आह्वान किया कि इसके लिए हम सब मिलकर टीम के रुप में कार्य करेंगे। इस अवसर पर नगर मजिस्ट्रेट एमपी सिंह सहित सिविल डिफेंस के पदाधिकारी एवं वालंटियर उपस्थित रहे।

जानिये क्या है सिविल डिफेंस

सिविल डिफेंस संकट के दौरान नागरिक आबादी को सुरक्षा प्रदान करता है। सिविल डिफेंस राष्ट्र की सुरक्षा के दो स्वैच्छिक संगठन है। ये संगठन आम आदमी की सुरक्षा की अवधारणा पर आधारित है। जिसका उद्देश्य निष्काम और निस्वार्थ सेवा है। संगठन आपदा पीड़ितों को राहत पहुचाने में मुख्य भूमिका निभाता है। इसके गठन के पीछे उद्देश्य रहा कि युद्ध, सीमाओं के साथ नागरिक आबादी क्षेत्रों पर भी अत्यन्त घातक प्रभाव डालता है, इसलिये युद्ध के समय देश की आन्तरिक व्यवस्था में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो तथा नागरिकों का मनोबल बना रहे। भारत सरकार द्वारा वर्ष 1962 में चीन आक्रमण के बाद इसकी स्थापना देश तथा प्रदेश के नगरों में की गई थी। इसका उद्देश्य है जीवन की रक्षा, सम्पत्ति की हानि को कम करना, उत्पादन की निरन्तरता को बनाये रखना, जन मानस के मनोबल को बनाये रखना। नागरिक सुरक्षा योजना भारत सरकार की योजना है व इसके लिए भारत सरकार द्वारा नागरिक सुरक्षा नगरों को चिन्हित करके श्रेणीबद्ध किया जाता है।

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