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फ़र्रूख़ाबाद

स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- प्रधानमंत्री ने पिछडों का आरक्षण किया खत्म

मेरापुर(फर्रुखाबाद)24webnews:- शनिवार की देर रात धम्मा लोको बुद्ध बिहार संकिसा पधारे बुद्ध महोत्सव कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं विधान परिषद के सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य को बौद्ध अनुयायियों ने चांदी का मुकुट व पंचशील पट्टिका पहना कर स्वागत किया। इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा के सामने अगरबत्ती व मोमबत्ती जलाकर पूजा वंदना की। उन्होंने पिछड़े वर्ग का आरक्षण खत्म करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया। श्री मौर्य ने श्रावस्ती, जौनपुर एवं हथरस की घटनाओं का भी जिक्र किया। पूर्व मंत्री ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान की प्रशंसा करते हुए कहा कि यदि उनमें हिम्मत हो तो वह प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्रियों से कहकर जातिवाद का जहर घोलने वाली मनु स्मृति पुस्तक पर प्रतिबंध लगवाएं। प्रधानमंत्री मोदी पर पिछड़ों का आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने 340 आईएएस की बिना परीक्षा नियुक्ति करवाई है जिसमें एक भी दलित व कोई पिछड़ी जाति का नहीं है। इसी तरह प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर आदि कर्मचारियों की भर्ती में एक भी पिछड़े व दलित जाति को नौकरी नहीं दी गई। सरकार आरक्षण खत्म कर संविदा की नौकरी के नाम पर नौजवानों का शोषण करवा कर बिचौलियों को फायदा पहुंचा रही है।श्री मौर्य ने कहा कि बुद्ध विश्व के प्रथम धम्म गुरु हैं जिन्होंने संकिसा में अवतरण लिया था उनके विचार दुनिया के कोने कोने में फैल गए हैं। आज भी अमेरिका व रूस की खुदाई में बुद्ध के अवशेष मिलते हैं। अफगानिस्तान की पहाड़ी में बुद्ध की 100 फुट ऊंची प्रतिमा को आतंकवादियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। मौर्य ने कहा कि राम जन्म भूमि अयोध्या की तीन बार की खुदाई में बुद्धकालीन अवशेष व बुध्द मूर्तियां मिली हैं। तब केंद्र सरकार ने पुरात्व विभाग व्दारा की जा रही खुदाई रुकवा दी थी। यही नहीं रामजन्म भूमि व बाबरी मस्जिद का मामला माननीय सर्वोच्च न्यायालय में चल रहा था तब सर्वोच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीशों ने निर्णय लेते व सुनाते हुए कहा था। रामजन्मभूमि में प्राचीन व बुद्धकालीन अवशेष मिले हैं। स्वामी प्रसाद ने कहा कि अदालत ने भी माना था अयोध्या की खुदाई में प्रचीन व बुद्ध कालीन अवशेष मिले इसी आधार पर अदालत ने मान लिया था कि यहां भगवान राम पैदा हुए होंगे। उन्होंने बताया की ग्रंथों ऋषि-मुनियों एवं पूर्वजो की बातों पर विश्वास न करके उस बात को माने जो आपके दिमाग की कसौटी में खड़ी लगी है। बौद्ध धर्म की प्रशंसा करते हुए कहा कि विश्व के 50 देशों में बौद्ध धर्म के मानने वाले हैं बुद्ध का धर्म जीवित है। ढाई हजार वर्ष पूर्व जो बुध्द ने मानव कल्याण के लिए उपदेश दिये थे वो आज भी उतने ही व्यवहारिक हैं जितने बुध्द कार्य काल में थे। उन्होंने यह भी कहा कि तुलसी बाबा की रामयण भी जाति पर भी जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर हमें अपमानित करती है। बुद्ध के कारवां में दिनों दिन भीड़ बढ़ती जा रही है अब किसी की हिम्मत नहीं है कि बुद्ध के कारवां को रोक सके। सरकार ने तिकड़म लगाकर ट्रैक्टर ट्राली से यात्रा करने रोक लगा दी, लेकिन बैलगाड़ी से आने जाने पर कोई रोक नहीं लगी है। किसान भाई पैदल, साइकिल, व बैल गाड़ी पर यात्रा कर लेगें। किसान अन्नदाता है हर परिस्थितियों का सामना कर लेगें। पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार ने आरक्षण वाली 18 हजार नौकरियों में 12 हजार सामान्य वर्ग की गलत ढंग से नियुक्ति कर दी है। मैं ब्राह्मण विरोधी नहीं बल्कि ब्राह्मणी व्यवस्था का विरोधी हूं। कोई भी बच्चा इंसान के रूप में पैदा होता है उसकी कोई जात पांति नहीं होती। मौर्य समाज ने देश में 121 वर्षों तक राज्य किया बौद्ध दर्शन में जात पांति छुआ छूत ऊंच-नीच की कोई बात नहीं होती है बल्कि मानव कल्याण की बात की जाती है। उन्होंने हाथरस, श्रावस्ती, जौनपुर की घटना का जिक्र करते हुए सरकार पर जातिवाद करने का आरोप लगा। इस दौरान बुद्ध महोत्सव के आयोजक कर्मवीर शाक्य, संकिसा भिक्षुसंघ के अध्यक्ष डा.धम्मपाल महा थैरो, रघुवीर शाक्य, प्रधान दीपक राजपूत आदि सैकड़ों बौद्ध अनुयाई उपस्थित रहे।

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