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उत्तराखंडपौड़ी गढ़वाल

Ankita murder case: नहीं थम रहा लोगों का गुस्सा प्रशासनिक अधिकारियों पर भी लग रहे गंभीर आरोप

प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया, केस में लापरवाही बरतने वालों पर भी हो कार्यवाही

उत्तराखंड में अंकिता हत्याकांड को लेकर नाराज लोगों ने बद्रीनाथ-ऋषिकेश हाइवे पर जाम लगा दिया था. घटना को लेकर नाराज लोग फोटो लेकर प्रदर्शन कर रहे था. बताया जा रहा है कि अंकिता का परिवार पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है.

इसको लेकर परिवार ने अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया है. वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने  कहा कि अंकिता परिवार अंतिम संस्कार के लिए सहमत हो गया है. अंतिम संस्कार के लिए अंकिता का शव ले जाया गया है. अंकिता का अंतिम संस्कार श्रीनगर में किया जाएगा.

सीएम धामी ने कहा कि अंकिता के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन होगा. अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट जल्द सार्वजनिक की जाएगी. बता दें कि उत्तराखंड में अंकिता की हत्या के मामले में भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है. वहीं बड़ी संख्या में लोग उत्तराखंड के श्रीनगर में इकट्ठे होकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

लोगों में घटना को लेकर बेहद नाराजगी देखी जा रही है. इस दौरान लोगों ने ‘अंकिता हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल ज़िंदा हैं’ के नारे लगाए. लोगों का कहना है कि मामले में आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले, सिर्फ आश्वासन से काम नहीं चलेगा.

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के श्रीनगर में पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर भारी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, जहां अंकिता भंडारी के पिता अंतिम संस्कार के लिए उनका शव लेने पहुंचे थे

इस मामले को लेकर प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि उत्तराखंड की अंकिता के साथ दिल दहलाने वाली घटना घटी, लेकिन इतनी बड़ी घटना के बाद भी प्रशासन केवल दिखावटी कार्रवाई तक सीमित है. जरा सोचिए कि अंकिता के मां-बाप पर क्या गुजर रही होगी?

उन्होंने आगे कहा कि परिजनों का सवाल है कि घटना के सबूतों को क्यों मिटाया जा रहा है? पूरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट उन्हें क्यों नहीं दी जा रही है? न्याय का तकाजा कहता है कि सरकार को गंभीरता व संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करनी चाहिए. परिजनों की बात सुननी चाहिए. लापरवाही करने वाले लोगों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाए व फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर दोषियों को सजा दी जाए.

टीम के साथ जाकर सबूत कर लिए थे सुरक्षितः ASP

पौड़ी के एएसपी शेखर सुयाल ने अपने एक बयान में कहा है कि कई मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि अंकिता हत्याकांड में साक्ष्य मिटाए गए हैं. मैं बताना चाहता हूं कि हम खुद 22 सितंबर को रिजॉर्ट गए थे, जहां हमने वीडियोग्राफी की थी. इसके बाद 23 सितंबर की सुबह फोरेंसिक टीम ने जांच की थी और साक्ष्यों को सुरक्षित किया गया था.

शनिवार की सुबह बरामद हुई थी नहर में मिली  अंकिता की लाश

बता दें कि 18 सितंबर से लापता अंकिता भंडारी की शनिवार सुबह चिल्ला नहर में लाश मिली थी. उसकी हत्या का आरोप रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और असिस्टेंट मैनेजर अंकित गुप्ता पर लगाया गया है. कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

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