माँ एक रिश्ता नही है बल्कि माँ एक पूर्ण सम्पूर्ण अहसास है। और इसी अहसास को गीत के जरिये। उत्तराखंड के रहने वाले दानिश मलिक ने माँ सॉन्ग को रिलीज कर अहसास दिलाया है। की जिंदगी में उनके सबसे करीब उनकी माँ है माँ की दुआओं का ही असर है कि रुड़की में रहने वाले दानिश मलिक मलिक साहब अपने जिंदगी का कोई भी काम अपनी माँ के दुआओं के बगैर नही करते है मलिक साहब ने यह गाना सालो पहले अपनी माँ के लिए लिखा था अब आवाम के जुबां पर सुना जा सकता है बही फर्रुखाबाद के रहने वाले मोहम्मद सैफ ने मलिक साहब के इस गाने को सुनने के बाद बहुत ज्यादा प्रसंशा की और बताया है की जब एक रोटी के चार टुकड़े होते हैं और खाने वाले पांच तो ‘मुझे भूख नहीं है’ ऐसा कहने वाली होती हैं माँ। माँ के अपने बच्चे के प्रति प्यार और त्याग की कोई गणना नहीं कर सकता। माँ उस फूल की तरह है जो पूरे परिवार को महकाती है। माँ तो माँ है, माँ का दर्जा सर्वोच्च हैं गौर से देखिये तारीख जरा माँ से प्यारा भी नाम क्या होगा जिसके कदमों के नीचे जन्नत है उसकेसर का मुकाम क्या होगा। मोहम्मद सैफ ने अल्लाह से दुआ कर मलिक साहब को उचाईयों तक जाने की दी बधाई|
