महाठग संतोष की छह घंटे की रिमांड हुई पूरी: बताया लखनऊ के पूर्व एडीजी के कहने पर मिली थी सुरक्षा, कानपुर से लेकर लखनऊ और दिल्ली तक के IAS- IPS संपर्क में रहते थे
Kanpur:कानपुर में पीएमओ का अफसर बनकर ठगी करने वाले महाठग संतोष सिंह उर्फ अभिषेक प्रताप सिंह उर्फ एपी सर को पुलिस ने शनिवार को छह घंटे की रिमांड पर लिया। मामले की जांच कर रही टीम सबसे पहले महाठग को लेकर पायनियर ग्रीन सिटी पहुंची। यहां करीब दो घंटे तक पूछताछ और कई दस्तावेज बरामद किया। पूछताछ में पुलिस को कई अहम जानकारी मिली है। इसके बाद अलग-अलग ठिकानों पर ले जाकर पूछताछ की। पुलिस अफसरों की मानें तो कई अहम जानकारी मिली है और दस्तावेज भी बरामद किए हैं। जल्द ठगी में शामिल अन्य आरोपितों की भी अरेस्टिंग होगी।
खाकी, खादी और अपराधी का गठजोड़ बना महाठग संतोष
महाठग संतोष उर्फ अभिषेक की जांच एसीपी कल्याणपुर विकास पांडेय की अध्यक्षता वाली टीम कर रही है। आज अभिषेक को कोर्ट के आदेश पर सुबह 10 से शाम 4 बजे तक की रिमांड पर पुलिस ने लिया था। जांच करने वाली पुलिस टीम सबसे पहले अभिषेक को जेल से लेकर पायनियर ग्रीन सिटी बिठूर स्थित उसके विला पहुंची। अभिषेक के आते ही पायनियर सिटी के लोग अपने घरों के भीतर हो गए। कोई भी बाहर नहीं आया जब तक पुलिस उसे लेकर चली नहीं गई।
सूत्रों की मानें तो पूछताछ के दौरान अभिषेक ने बताया कि लखनऊ के पूर्व एडीजी के आदेश पर उसे उन्नाव जिले से सुरक्षा मिली थी। उसके घर से मिले दस्तावेजों और मोबाइल की जांच से यह साफ हो चुका है कि कानपुर, लखनऊ और दिल्ली तक के करीब 50 आईएएस, आईपीएस, पीसीएस और पीपीएस अफसरों के संपर्क में था। इतना ही नहीं कानपुर से लेकर दिल्ली और पूर्वांचल के नेताओं और माफियाओं का भी एक सिंडीकेट उससे मजबूती से जुड़ा हुआ था। पुलिस ने विला से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किया है।
एडीसीपी वेस्ट लखन यादव ने बताया कि पूछताछ में कई अहम जानकारी मिली हैं। जो पूरे मामले की जांच में बेहद महत्वपूर्ण हैं। पूछताछ के लिए रिमांड का छह घंटे समय कम पड़ गया। जरूरत पड़ी तो जल्द ही दोबारा रिमांड पर लेकर फिर से पूछताछ की जाएगी।
अभिषेक के पीछे भागते थे केडीए के अफसर
महाठग संतोष सिंह की कानपुर विकास प्राधिकरण में मजबूत पकड़ थी। यही वजह थी कि उसके एक इशारे पर बड़ा से बड़ा काम मिनटों में हो जाता था। सचिव स्तर के अफसरों का संतोष के घर पर उठना-बैठना था। जिनसे वह केडीए से संबंधित अपने कामों को कराता था। पुलिस जल्द ही केडीए के अफसरों से भी पूछताछ कर सकती है।
आपको बताते हैं क्या था पूरा मामला
20 अगस्त को एसटीएफ ने संतोष कुमार सिंह को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। 21 अगस्त को उसे बिठूर थाने में बिल्डर निखिल शर्मा द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के मामले में जेल भेज दिया गया था। इस मामले में आरोपित के साथ उसका चालक धर्मेन्द्र भी गिरफ्तार हुआ था। शातिर संतोष कुमार सिंह खुद को पीएमओ का अफसर बताता था। और उसके संपर्क में कानपुर से लकर लखनऊ और दिल्ली तक के अफसर संपर्क में थे। उसके झांसे में आकर एक इशारे पर बड़े से बड़े काम निपटा देते थे।
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